Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 15

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 15

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 15 अर्जुन उवाच |पश्यामि देवांस्तव देव देहे सर्वांस्तथा भूतविशेषसङ्घान् |ब्रह्माणमीशं कमलासनस्थमृषींश्च सर्वानुरगांश्च दिव्यान् ||15|| श्रीमद भगवद गीता अध्याय 11 श्लोक 15 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 15: अर्थात अर्जुन बोले, हे देव! मैं आपके शरीर में सारे देवताओं को, प्राणियों को, विशेष विशेष समुदाय को, कमलासन पर … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8 न तु मां शक्यसे द्रष्टुमनेनैव स्वचक्षुषा |दिव्यं ददामि ते चक्षु: पश्य मे योगमैश्वरम् || 8|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 8 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8: अर्थात भगवान अर्जून को कहते हैं, तुम अपनी इस आंखों द्वारा अर्थात चरम चक्षु द्वारा मुझे देख नहीं … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6 पश्यादित्यान्वसून् रुद्रानश्विनौ मरुतस्तथा |बहून्यदृष्टपूर्वाणि पश्याश्चर्याणि भारत || 6|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 6 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6: अर्थात भगवान कहते है, है भरतवंशोदभव अर्जुन! तुम 12 आदित्य को, 8 वसुओ को, 11 रूद्र को, और दो अश्विनी कुमारो को, तथा 49 मरूद … Read more