Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 12

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 12

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 12 दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता |यदि भा: सदृशी सा स्याद्भासस्तस्य महात्मन: || 12|| श्रीमद भगवद गीता अध्याय 11 श्लोक 12 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 12,: अर्थात संजय कहते हैं, अगर आसमान में एक साथ हजार सूर्य उदित हो जाए, फिर भी सब का प्रकाश मिलकर भी वे … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 10 11

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 10

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 10 11 अनेकवक्त्रनयनमनेकाद्भुतदर्शनम् |अनेकदिव्याभरणं दिव्यानेकोद्यतायुधम् || 10||दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानुलेपनम् |सर्वाश्चर्यमयं देवमनन्तं विश्वतोमुखम् || 11|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 10 11 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 10 11: अर्थात संजय बोले, जिनके अनेक मुख और नेत्र हैं, अनेक प्रकार के अद्भुत दर्शन है, अनेक दिव्य आभूषण है, … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 9

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 9

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 9 सञ्जय उवाच |एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरि: |दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम् || 9|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 9 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 9: अर्थात संजय बोल, है राजन! ऐसा कह कर फिर महायोगेश्वर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को परम ऐश्वर्य रूप दिखाया। श्रीमद … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8 न तु मां शक्यसे द्रष्टुमनेनैव स्वचक्षुषा |दिव्यं ददामि ते चक्षु: पश्य मे योगमैश्वरम् || 8|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 8 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 8: अर्थात भगवान अर्जून को कहते हैं, तुम अपनी इस आंखों द्वारा अर्थात चरम चक्षु द्वारा मुझे देख नहीं … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6 पश्यादित्यान्वसून् रुद्रानश्विनौ मरुतस्तथा |बहून्यदृष्टपूर्वाणि पश्याश्चर्याणि भारत || 6|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 6 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 6: अर्थात भगवान कहते है, है भरतवंशोदभव अर्जुन! तुम 12 आदित्य को, 8 वसुओ को, 11 रूद्र को, और दो अश्विनी कुमारो को, तथा 49 मरूद … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 5

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 5

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 5 श्रीभगवानुवाच |पश्य मे पार्थ रूपाणि शतशोऽथ सहस्रश: |नानाविधानि दिव्यानि नानावर्णाकृतीनि च || 5|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 5 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 5: अर्थात श्री भगवान बोले – है प्रुथानंदन! अब मेरे अनेक प्रकार के, अनेक वर्णों, और आकृति वाले सैकड़ो हजारों दिव्य … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 4

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 4

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 4 मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टुमिति प्रभो |योगेश्वर ततो मे त्वं दर्शयात्मानमव्ययम् || 4|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 4 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 4: अर्थात अर्जुन कहते हैं, हे प्रभु! मेरे द्वारा आपका वह परम ऐश्वर्य रूप देखा जा सकता हो, ऐसा आप मानते … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 2

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 2

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 2 भवाप्ययौ हि भूतानां श्रुतौ विस्तरशो मया |त्वत्त: कमलपत्राक्ष माहात्म्यमपि चाव्ययम् || 2|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 2 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 2: अर्थात् अर्जुन भगवान को बोले – हे कमलनयन! सब प्राणियों की उत्पत्ति और प्रलय मेंने विस्तार पूर्वक आपके पास से ही … Read more

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 1

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 1

Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 1 अर्जुन उवाच |मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्ज्ञितम् |यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम || 1|| श्रीमद भगवत गीता अध्याय 11 श्लोक 1 का हिंदी अनुवाद Bhagavad Gita Chapter 11 Verse 1: अर्थात अर्जुन बोले, केवल मेरे ऊपर कृपा करने के लिए आपने जो परम गोपनीय आध्यात्मिक तत्व जानने का वचन कहा, उससे … Read more