Bhagwat Geeta Updesh

मन की स्थिरता

योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।

सफलता और असफलता की चिंता किए बिना, मन को स्थिर रखते हुए कर्म करने से ही सच्चा सुख प्राप्त होता है।

श्रद्धा और भक्ति का महत्व

यो मे भक्तः स मे प्रियः।

जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान का स्मरण करता है, वह परम शांति और मोक्ष प्राप्त करता है।

गुणों के प्रभाव

सत्त्वं सुखे सञ्जयति रजः कर्मणि भारत।

सत्त्वगुण शांति और ज्ञान की ओर ले जाता है, रजोगुण कर्म और भौतिक सुखों की ओर, जबकि तमोगुण अज्ञान और आलस्य को बढ़ावा देता है।