क्या बिना स्वार्थ के काम करना आज भी जरूरी है?
Bhagavad Gita Chapter 3 Shloka 9 यज्ञार्थात्कर्मणोऽन्यत्र लोकोऽयं कर्मबन्धन: |तदर्थं कर्म कौन्तेय मुक्तसङ्ग: समाचर || 9 || अर्थात भगवान कहते […]
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