Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब

मौनी अमावस्या

महाकुंभ में बढ़ती भीड़ को लेकर प्रशासन का बड़ा फैसला

Mahakumbh 2025 में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस पवित्र तीर्थ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। 27 जनवरी तक जहां 14.76 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे, वहीं मौनी अमावस्या के एक दिन पहले शाम 6 बजे तक यह संख्या बढ़कर 18 करोड़ से अधिक हो गई। इसमें करीब 10 लाख कल्पवासी भी शामिल हैं।

मौनी अमावस्या के दिन विभिन्न अखाड़े अपने-अपने निर्धारित घाटों पर शाही स्नान करेंगे। यह दृश्य बेहद भव्य और आध्यात्मिक होता है। मकर संक्रांति की तरह ही मौनी अमावस्या को भी स्नान का महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग विभिन्न धर्मों और जातियों को भूलकर एकजुट होते हैं। इस विशाल मेले में साधु-संतों का भी समागम होता है और वे अपने अनुभवों को साझा करते हैं।

महाकुंभ: ब्रिटेन से भी बड़ी भीड़, प्रशासन अलर्ट

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रयागराज का दौरा किया। उन्होंने विकास कार्यों, सफाई व्यवस्था और पार्किंग स्थलों का निरीक्षण किया। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

Also Read: संगम तक जाने के लिए करनी होगी 10-15 किलोमीटर की पैदल यात्रा

मंत्री ने स्वच्छता रथ यात्रा में शामिल होकर लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यों में जनसहयोग बेहद जरूरी है। स्वच्छता रथ यात्रा का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और महाकुंभ को एक स्वच्छ और पवित्र अनुभव बनाना है।

मंत्री ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ बैठक कर महाकुंभ के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया भर में प्रयागराज का नाम पहुंचाया जा सकता है। सरकार ने महाकुंभ को सफल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के सुझावों को भी ध्यान में रखा जाएगा।

मंत्री ने महाकुंभ के पहले स्नान की शुरुआत होने पर सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भागीरथ की तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा प्रयागराज में आई थीं और भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया था। महाकुंभ इसी पौराणिक महत्व को दर्शाता है।

मौनी अमावस्या पर कौन कब करेगा स्नान?

29 जनवरी, 2025 महाकुम्भ मेला 2025 में अखाड़ों के स्नान का टाइम टेबल:

सन्यासी
1. श्री पंचायती अखाङा महानिर्वाणी एवं श्री शंभू पंचायती अटल अखाङा – 05.00 बजे
2. श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाङा, एवं श्री पंचायती अखाङा आनन्द – 05.50 बजे
3. श्री पंचदशनाम जूना अखाङा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाङा तथा श्री पंचाग्नि अखाङा –06.45 बजे

बैरागी
1. अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाङा – 09.45 बजे
2. अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाङा – 10.05 बजे
3. अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाङा – 11.05 बजे

उदासीन
1. श्री पंचायती नया उदासीन अखाङा – 12.00 बजे
2. श्री पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन, निर्वाण – 13.05 बजे
3. श्री पंचायती निर्मल अखाङा – 14.25 बजे

Also Read: प्रयागराज में घूमने के लिए 8 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल : एक आध्यात्मिक अनुभव

आचार्य बालकृष्ण ने किया साफ: महाकुंभ की भीड़ प्रायोजित नहीं

महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर धर्म, संस्कृति और आस्था का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है। लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ ले रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने महाकुंभ को सनातन का गौरव बताया है और लोगों से आंतरिक शुद्धता पर ध्यान देने का आग्रह किया है।

महाकुंभ में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साधु-संतों का समागम देखने को मिल रहा है। मोरारी बापू जी की रामकथा ने लाखों श्रद्धालुओं को भावुक किया है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी इस दिव्य आयोजन में भाग लिया और बापू जी के प्रवचनों की प्रशंसा की।

महाकुंभ में सुरक्षा और सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके बावजूद, भारी भीड़ के कारण कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं।

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। इटली से आए एंटोनियो जैसे कई विदेशी श्रद्धालु भी इस पवित्र आयोजन में भाग ले रहे हैं।

Also Read: महाकुंभ 2025: प्रयागराज में सुरक्षा के इंतजाम

महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर साबित किया है कि धर्म लोगों को एकजुट करने की शक्ति रखता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रमाण है।

महाकुंभ 2025: यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए गए कदम

महाकुंभ 2025 में यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने हावड़ा से योगनगरी ऋषिकेश के बीच चलने वाली दून एक्सप्रेस को चंदौली मझवार स्टेशन पर अस्थायी ठहराव दिया है। इससे स्थानीय लोगों को महाकुंभ में जाने के लिए सुविधा होगी।

इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कुंभ मेला क्षेत्र में बसों की निगरानी के लिए सभी सात चेकपोस्ट्स को जियोफेंसिंग तकनीक से लैस किया है। इस तकनीक के माध्यम से बसों की वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे यात्रियों को बसों की उपलब्धता और समयसारिणी की सही जानकारी मिल सकेगी।

Read: महाकुंभ मेले के ल‍िए क्‍या फ्री ट्रेन चला रही रेलवे?

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि यह कदम कुंभ मेले के दौरान यात्री सुविधाओं को और अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाता है। जियोफेंसिंग के माध्यम से बसों की आवाजाही को सटीकता और पारदर्शिता के साथ मॉनिटर किया जा सकेगा, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सकेगा।

त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर लोग पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। मोरारी बापू जी की रामकथा ने लाखों श्रद्धालुओं को भावुक किया है और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी इस दिव्य आयोजन में भाग लिया।

इस वर्ष के महाकुंभ में सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। हालांकि, भारी भीड़ के कारण कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। फिर भी, महाकुंभ ने एक बार फिर साबित किया है कि धर्म लोगों को एकजुट करने की शक्ति रखता है। यह आयोजन न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है।

कैसे आध्यात्मिकता पर लिखकर दुनिया को प्रेरणा दें? हमारे प्लेटफॉर्म पर अपना लेख साझा करें Click here

FAQs : 

1. महाकुंभ में बसों की सुविधा कैसी है?

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कुंभ मेला क्षेत्र में बसों की निगरानी के लिए जियोफेंसिंग तकनीक का उपयोग किया है। इससे यात्रियों को बसों की उपलब्धता और समयसारिणी की सही जानकारी मिल सकेगी।

2. महाकुंभ में क्या-क्या खास देखने को मिलेगा?

महाकुंभ में आप विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और साधु-संतों का समागम देख सकते हैं।

3. महाकुंभ में कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान होते हैं?

 महाकुंभ में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जैसे कि गंगा स्नान, हवन, यज्ञ और भजन-कीर्तन।

4. महाकुंभ को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

सरकार स्वच्छता रथ यात्रा के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही है और जनसहयोग मांग रही है। साथ ही, विकास कार्यों और सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

5. महाकुंभ में सुरक्षा के क्या इंतज़ाम हैं?

महाकुंभ में यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं।

Also read: महाकुंभ में CM Yogi ने की साधु संतों से मुलाकात

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top