कौन थे वे शूरवीर जिन्होंने दुर्योधन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया?

Bhagavad Gita Chapter 1 Shloka 9

अन्ये च बहव: शूरा मदर्थे त्यक्तजीविता: |
नानाशस्त्रप्रहरणा: सर्वे युद्धविशारदा: || 9 ||

अर्थात दुर्योधन अपनी सेना के महायोद्धा के नाम लेने के बाद द्रोणाचार्य को ऐसा कहता है, उन सब के बावजूद भी दूसरे कितने ही शूरवीर हैं। जिन्होंने मेरे लिए अपनी जीने की इच्छा का भी त्याग कर दिया है। और जो अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्र को चलाने वाले हैं। तथा जो सब की सब युद्ध कला में अत्यंत चतुर है।

Shrimad Bhagawat Geeta Chapter 1 Verse 9 Meaning

अन्ये च बहव: शूरा मदर्थे त्यक्तजीविता: दुर्योधन द्रोणाचार्य से कहता है, मैंने अभी तक जितने भी शूरवीरों के नाम लिए उनके बावजूद भी हमारी सेना में बहालिक, शल्य, भगदत, जयद्रथ, विगेरे कितने ही शूरवीर महावीर हैं। जिन्होंने मेरी भलाई के लिए मेरी ओर से लड़ने के लिए अपनी जीने की इच्छा का भी त्याग करके यहां आए हैं। वे लोग मेरी विजय के लिए भले ही मर जाए, परंतु युद्ध में से हटेंगे नहीं। उन लोगों की, मैं आपके समक्ष क्या ही कृतज्ञता प्रकट करूं?

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नानाशस्त्रप्रहरणा: सर्वे युद्धविशारदा: यह सब लोग हाथ में रखकर प्रहार करने वाले तलवार, गदा, त्रिशूल वगैरा विविध प्रकार के शस्त्रों की कला में निपुण है। और हाथों द्वारा फेंक कर प्रहार करने वाले तीर, तोमर, शक्ति विगेरें अस्त्रों की कला में भी निपुण है। युद्ध कैसे करना चाहिए? किस पद्धति से, किस पैंतरे से, और किस युक्ति से, युद्ध करना चाहिए, सी को किस तरह संगठन करना चाहिए? विगेरे युद्ध कलाओं में भी वे लोग बहुत ही निपुण और कुशल है।

दुर्योधन की बातें सुनकर जब द्रोणाचार्य कुछ भी नहीं बोले, तब अपनी चालाकी नहीं चलने पर दुर्योधन के मन में क्या विचार आता है? इसको संजय आगे के श्लोक में कहते हैं।

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Bhagavad Geeta Chapter 1 Shloka 9 Meaning ( Video )

FAQs

दुर्योधन की सेना में कौन-कौन से प्रमुख योद्धा थे?

दुर्योधन की सेना में बहालिक, शल्य, भगदत्त, जयद्रथ समेत कई महान योद्धा शामिल थे, जो उसकी विजय के लिए समर्पित थे।

दुर्योधन की इस रणनीति का उद्देश्य क्या था?

दुर्योधन द्रोणाचार्य का मनोबल बढ़ाने और उन्हें अधिक आक्रामक बनाने के लिए यह सब कह रहा था, ताकि वे पूरी शक्ति से पांडवों के खिलाफ युद्ध करें।

महाभारत युद्ध में संजय की भूमिका क्या थी?

संजय धृतराष्ट्र के मंत्री और सारथी थे, जिन्हें दिव्य दृष्टि प्राप्त थी। वे कुरुक्षेत्र के युद्ध का संपूर्ण वर्णन धृतराष्ट्र को सुनाते थे।

Who wrote bhagavad gita in sanskrit?

The Bhagavad Gita was written in Sanskrit by the ancient sage Ved Vyasa as part of the Indian epic Mahabharata. It is a sacred Hindu scripture where Lord Krishna imparts spiritual wisdom to Arjuna.

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