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10 BEST Places to Visit in Ayodhya -2025

अयोध्या(ayodhya), भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है, जो भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। यह शहर सदियों से हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। अयोध्या में देखने और करने के लिए बहुत कुछ है, जैसे कि राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, सरयू नदी के घाट, और कई अन्य ऐतिहासिक स्थल। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल धार्मिक आनंद प्राप्त करते हैं बल्कि इस शहर की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से भी रूबरू होते हैं। अयोध्या की यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव है जो मन को शांति और आनंद प्रदान करती है। अयोध्या में आप प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और खूबसूरत बगीचों का आनंद ले सकते हैं। यहां आप सरयू नदी में स्नान करके पाप मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई कहानियों को सुन सकते हैं।

ram mandir

अयोध्या में आप प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और खूबसूरत बगीचों का आनंद ले सकते हैं। यहां आप सरयू नदी में स्नान करके पाप मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई कहानियों को सुन सकते हैं। अयोध्या में देखने और करने के लिए बहुत कुछ है। यहां हम अयोध्या के 10 प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

राम जन्मभूमि मंदिर

अयोध्या का सबसे प्रमुख आकर्षण राम जन्मभूमि मंदिर है, जो हाल ही में बनाया गया है। यह भव्य मंदिर भगवान राम को समर्पित है और यह माना जाता है कि यहीं पर भगवान राम का जन्म हुआ था। राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण एक लंबे संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद हुआ है। यह मंदिर न केवल हिंदू धर्म के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है। यह मंदिर भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है।

मंदिर के निर्माण के साथ, अयोध्या एक बार फिर हिंदू धर्म के केंद्र के रूप में उभरा है। लाखों श्रद्धालु यहां आकर भगवान राम के दर्शन करते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। मंदिर के आसपास कई अन्य धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे कि हनुमान गढ़ी, कनक भवन और सरयू नदी।

हनुमान गढ़ी

अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हनुमान गढ़ी एक प्रमुख आकर्षण है। यह भगवान हनुमान को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस मंदिर से अयोध्या शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। हनुमान गढ़ी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इसी पहाड़ी पर हनुमान जी से मुलाकात की थी। मंदिर में हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है और यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है।

कनक भवन

अयोध्या में राम जन्मभूमि के निकट स्थित कनक भवन एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि यह भवन सोने से बना हुआ था, इसलिए इसे कनक भवन कहा जाता है। यह भवन महारानी कैकेयी ने भगवान राम और माता सीता को विवाह के उपहार स्वरूप दिया था।

कनक भवन में भगवान राम और माता सीता की अत्यंत सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। यह भवन अपनी भव्य वास्तुकला और कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान राम और माता सीता के दर्शन कर आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। कनक भवन अयोध्या की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।

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सरयू नदी

सरयू नदी अयोध्या में बहने वाली एक पवित्र नदी है। इस नदी में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं ऐसा माना जाता है।

दशरथ महल

अयोध्या में राम जन्मभूमि के निकट स्थित दशरथ महल, भगवान राम के पिता दशरथ का निवास माना जाता है। यह महल अयोध्या के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। मान्यता है कि यहीं पर राजा दशरथ ने भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को जन्म दिया था। यह महल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियाँ स्थापित हैं। दशरथ महल अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यहां आकर श्रद्धालु भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को याद करते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।

नागेश्वर नाथ मंदिर

अयोध्या में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है। यह मंदिर सरयू नदी के तट पर स्थित है और इसका धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था।

नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना के बारे में एक रोचक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि जब कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थे, तब उनका बाजूबंद खो गया था, जो एक नाग कन्या के पास चला गया था। नाग कन्या ने कुश को बाजूबंद लौटा दिया और इसी बीच दोनों के बीच प्रेम हो गया। नाग कन्या शिव भक्त थी और कुश ने उसकी भक्ति देखकर नागेश्वर नाथ मंदिर का निर्माण करवाया।

यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मंदिर की वास्तुकला और कलाकृतियाँ अत्यंत खूबसूरत हैं। मंदिर में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा स्थापित है और यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है।

गुप्तार घाट

अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित गुप्तार घाट भगवान राम से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाओं का साक्षी है। मान्यता है कि भगवान राम ने यहीं पर अंतिम संस्कार किया था और वैकुण्ठ धाम को प्राप्त हुए थे। इसीलिए इस घाट का धार्मिक महत्व अत्यंत अधिक है।

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गुप्तार घाट पर आकर श्रद्धालु भगवान राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को याद करते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। यह घाट न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां आकर श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करते हैं और भगवान राम को याद करते हैं।

तुलसी स्मारक भवन

ayodhya में स्थित तुलसी स्मारक भवन महान संत कवि गोस्वामी तुलसीदास को समर्पित है। तुलसीदास जी ने रामायण को अवधी भाषा में अनुवादित किया था, जिससे राम कथा आम जनता तक पहुंची। इस भवन में तुलसीदास जी के जीवन और कार्यों से जुड़ी अनेक वस्तुएं और चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। यहां एक पुस्तकालय भी है जिसमें तुलसीदास जी के ग्रंथों का विशाल संग्रह है। यह भवन न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह एक सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहां नियमित रूप से रामलीला का आयोजन किया जाता है और धार्मिक प्रवचन दिए जाते हैं। तुलसी स्मारक भवन अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।

मणि पर्वत

अयोध्या में स्थित मणि पर्वत न केवल प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है बल्कि यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का भी केंद्र है। इस पहाड़ी पर बौद्ध स्तूपों के अवशेष मिले हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि अतीत में यह स्थान बौद्ध धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण रहा होगा। मणि पर्वत का नामकरण इस बात के कारण हुआ कि प्राचीन काल में यहां बहुमूल्य रत्नों की खदानें थीं। मान्यता है कि भगवान राम और माता सीता ने भी इस पर्वत पर समय बिताया था। आज भी यहां कई मंदिर और मठ हैं, जहां श्रद्धालु आकर पूजा-अर्चना करते हैं।

सीता की रसोई

“सीता की रसोई” अयोध्या में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां माता सीता स्वयं भोजन बनाती थीं। यह स्थान राम जन्मभूमि के निकट स्थित है और श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। सीता की रसोई में आकर श्रद्धालु माता सीता की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।

ayodhya यात्रा की योजना बनाते समय, आप इन सभी स्थानों को देख सकते हैं।

अयोध्या यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय:

अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और आप आसानी से घूम सकते हैं।

Frequently Asked Questions

दशरथ महल का इतिहास क्या है?

मान्यता है कि राजा दशरथ ने त्रेता युग में इस महल का निर्माण करवाया था। यह महल कई बार जीर्णोद्धार किया गया है और वर्तमान में एक पवित्र मंदिर के रूप में जाना जाता है।

नागेश्वर नाथ मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?

नागेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है।

गुप्तार घाट क्यों प्रसिद्ध है?

गुप्तार घाट भगवान राम से जुड़ी कई पौराणिक कथाओं के कारण प्रसिद्ध है। मान्यता है कि भगवान राम ने यहीं पर अंतिम संस्कार किया था।

मणि पर्वत का नाम कैसे पड़ा?

मणि पर्वत का नाम इस बात के कारण पड़ा कि प्राचीन काल में यहां बहुमूल्य रत्नों की खदानें थीं। मान्यता है कि यहां मणियों का पहाड़ था, इसलिए इसका नाम मणि पर्वत पड़ा।

हनुमान गढ़ी क्यों प्रसिद्ध है?

हनुमान गढ़ी भगवान हनुमान को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है और अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान राम से जुड़ी कई पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है।

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