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महाकुम्भ मे भगदड़ के बाद CM योगी दिखे एक्शन मोड मे लिए कुछ अहम फैसले।

कुंभ
में की गयी 5 अफसरों की
तैनाती। 

प्रयागराज महाकुंभ मेले में हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई
की है। वह पिछले
48 घंटों से कुंभ मेले
से जुड़ी घटनाओं पर लगातार नजर
रख रहे हैं। देर
रात ही उन्होंने पांच
तेजतर्रार अफसरों को महाकुंभ मेले
में अहम जिम्मेदारी संभालने
के लिए भेजा. इनमें
2019 के अर्धकुंभ की जिम्मेदारी संभालने
वाले आईएएस अफसर भी शामिल
हैं।

सीएम
योगी ने 2019 के इलाहाबाद कुंभ
मेले में डीएम प्रयागराज
भानुचंद्र गोस्वामी और तत्कालीन कमिश्नर
आशीष गोयल को महाकुंभ
नगर भेजा।महाकुंभ मेले में सुरक्षा
और भीड़ को नियंत्रित
करने में दोनों अधिकारी
मौजूदा अफसरों के साथ काम
करेंगे।तीन तेजतर्रार पीसीएस अफसरों को भी महाकुंभ
के अगले स्नान बसंत
पंचमी को देखते हुए
नियुक्त किया गया है।
पीसीएस अधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी, आशुतोष दूबे और प्रतिपाल
सिंह चौहान को भी कुंभ
मेला क्षेत्र में भेजा गया
है, जो बड़े कार्यक्रमों
को संभालने में सक्षम हैं।
तीनों पीसीएस अधिकारी महाकुंभ में माघी पूर्णिमा
स्नान त्योहार तक रहेंगे।

महाकुंभ
क्षेत्र  को बनाया जाएगा नो व्हीकल जोन

CM योगी
के आदेश से पूरे
महाकुंभ क्षेत्र को 4 फरवरी तक
मोटरमुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
सिर्फ आवश्यक सेवाओं (दूधपानी और
एंबुलेंस) को छूट मिलेगी।
महाकुंभ में अफसरों और
संतमहात्माओं के वाहन शामिल
हो सकेंगे।

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विशेषज्ञ
टीमों की स्थापना

महाकुंभ
क्षेत्र में झूठ फैलाने
वालों की निगरानी करने
के लिए अलगअलग
गुप्त टीमें तैनात रहेंगी। घाटों और भीड़भाड़ वाली
जगहों पर कार्रवाई टीमें
तैनात की जाएंगी। कल,
लाल झंडा लिए कुछ
लोगों ने भगदड़ की
अफवाह फैलाने और कई घायलों
को जबरन धकेलने का
दावा किया।एलआईयू और सिविल पुलिस
की टीमें मौके पर साजिश
करने वालों को गिरफ्तार करेंगे।
भीड़ वाली जगहों पर
नकारात्मक वातावरण पैदा करने वालों
पर नजर रखेंगी।

महाकुंभ
क्षेत्र में कोई प्रवेश नहीं

महाकुंभ
क्षेत्र, जो चार हजार
हेक्टेयर और बीस सेक्टरों
में फैला हुआ है,
में कोई भी बाहरी
नंबर की गाड़ियों का
प्रवेश नहीं होगा।प्रयागराज बॉर्डर
पर बाहरी वाहनों की जांच नहीं
होगी।वाहनों को महाकुंभ क्षेत्र
से दूर निर्धारित पार्किंग
स्थल पर पार्क करना
होगा।

जांच
को दो स्तरों पर कराने का निर्णय

मुख्यमंत्री
योगी ने 24 घंटे के भीतर
महाकुंभ मेले में भगदड़
हादसे की जांच दो
स्तरों पर कराने का
निर्णय लिया। न्यायिक जांच आयोग की
अध्यक्षता जस्टिस हर्ष कुमार ने
की। साथ ही, विभिन्न
पुलिस जांचों का आदेश भी
दिया गया है। मुख्य
सचिव मनोज कुमार सिंह
और डीजीपी प्रशांत कुमार आज महाकुंभ मेला
क्षेत्र में घटनास्थल का
निरीक्षण करेंगे।

महाकुंभ
में भीड़ कम होने
के बाद, होल्डिंग एरिया
में रोके गए श्रद्धालुओं
को प्रयागराज के लिए रवाना
किया गया है। यूपी
के मुख्यमंत्री योगी के आदेश
से अब प्रयागराज की
सीमा खुली है। कुंभ
के लिए गाड़ियां फतेहपुर,
प्रतापगढ़, कौशाम्बी, भदोही और रायबरेली से
निकल रही हैं। महाकुंभ
भगदड़ का न्यायिक निरीक्षण
होगा। प्रयागराज में मुख्य सचिव
और डीजीपी का दौरा होगा।
महाकुंभ के बाद बहुत
बदलाव हुए हैं।वीवीआईपी पास
किया गया है। मेला
वन वे बन गया
है।

रेलवे
ने भी किए परिवर्तन

रेलवे
ने भी सुबह से
लेकर अब तक तीन
हजार से अधिक स्पेशल
ट्रेनों को विभिन्न स्थानों
पर चलाया है। मेला प्रशासन
की इस पहल से
50 लाख से अधिक लोग
स्नान के बाद घर
गए हैं, सूत्रों ने
बताया। जिसके चलते मेले में
लोगों की संख्या कम
होने लगी है।वर्तमान में
प्रयागराज में परिस्थितियां सुधरी
हुई हैं। भक्तों को
मेला प्रशासन ने होलडिंग एरिया
में फंसे रहने की
अनुमति दी है। होल्डिंग
एरिया में धक्के खा
रहे श्रद्धालुओं को राहत मिली
है। इन श्रद्धालुओं ने
बैरिकेट्स से बाहर निकलते
ही हर देवता के
नारे लगाए और अपनी
अगली यात्रा शुरू की।

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