महाकुंभ में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दिव्य कथा

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। अब तक दस करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया है, जो एक रिकॉर्ड है। यह संख्या महाकुंभ की अपार लोकप्रियता और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रमाण है। आज महाकुंभ का 14वां दिन है और इस पावन अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी संगम तट पर पहुँचने वाले हैं। उनकी उपस्थिति से महाकुंभ के वातावरण में और भी उत्साह का संचार होगा।

आज भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस भी मना रहा है, और इसका उत्साह पूरे उत्तर प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जगह-जगह पर ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति से ओतप्रोत आयोजनों की धूम है। गणतंत्र दिवस का यह उत्सव राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है। इस विशेष अवसर पर, उत्तर प्रदेश के लिए एक और गौरव की बात यह है कि राज्य की दस विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। यह सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है और प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।

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आज का दिन महाकुंभ में आस्था और राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के उत्सव का एक अनूठा संगम है। जहाँ एक ओर श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पूरा प्रदेश देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। दस करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं की उपस्थिति और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख राजनेता की यात्रा महाकुंभ के महत्व को और भी बढ़ा देती है, जबकि पद्म पुरस्कारों की घोषणा उत्तर प्रदेश के लिए एक अतिरिक्त उत्सव का कारण बनती है। यह दिन वास्तव में आस्था, राष्ट्रीयता और गौरव का एक त्रिवेणी संगम है।

प्रयागराज महाकुंभ में शामिल हुईं बॉक्सिंग चैंपियन मेरी कॉम 

विश्व चैंपियन बॉक्सिंग खिलाड़ी एमसी मैरी कॉम ने हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में पहुंचकर एक अनूठा अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने न केवल श्रद्धालुओं के साथ समय बिताया, बल्कि पवित्र संगम में स्नान का भी आनंद लिया। मेरी कॉम ने Mahakumbh मेले में शामिल होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं और यहाँ की व्यवस्था इतनी उत्तम है कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उन्होंने महाकुंभ के भव्य आयोजन की सराहना करते हुए इसे एक अद्भुत अनुभव बताया।

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एक ईसाई एथलीट होने के बावजूद, मेरी कॉम ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी जिज्ञासा और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया। उन्होंने इस आयोजन की समावेशी भावना की विशेष रूप से प्रशंसा की, जो विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाती है। उनकी यात्रा ने कुंभ मेले के महत्व को एक शक्तिशाली आध्यात्मिक संगम के रूप में उजागर किया, जो लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। एक दिग्गज मुक्केबाज की उपस्थिति इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे लोगों को एक साथ लाने की क्षमता को रेखांकित करती है। यह दर्शाता है कि महाकुंभ केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो एकता, शांति और सद्भाव का संदेश देता है। मेरी कॉम की उपस्थिति ने महाकुंभ के सार्वभौमिक अपील को और भी मजबूत किया है। यह एक ऐसा अवसर है जहाँ विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोग एक साथ आकर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव साझा करते हैं।

महाकुंभ में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री: धर्म और संस्कृति का संगम

देश के प्रसिद्ध कथावाचक और सनातन धर्म के प्रचारक, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के Mahakumbh 2025 में आगमन की घोषणा ने श्रद्धालुओं में उत्साह की एक नई लहर पैदा कर दी है। सनातन धर्म को बढ़ावा देने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत, बाबा बागेश्वर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शामिल होने और वहाँ कथा करने के लिए उत्सुक हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य न केवल स्नान करना और कथा सुनाना है, बल्कि सनातन धर्म के लिए एक नई अलख जगाना भी है।

धीरेंद्र शास्त्री के कुंभ यात्रा की योजना की घोषणा के साथ ही, उनके भक्त और अनुयायी महाकुंभ के लिए रवाना होने लगे हैं। भक्तों के बीच इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि बाबा कब आएँगे, कहाँ रुकेंगे, कितने दिन रहेंगे और कहाँ कथा करेंगे। अब इन सभी सवालों के जवाब मिल चुके हैं। धीरेंद्र शास्त्री का कुंभ दौरा घोषित होते ही, उनके अनुयायियों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है।

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योजना के अनुसार, धीरेंद्र शास्त्री 25 जनवरी को चिदानंद मुनि श्री के परमार्थ निकेतन आश्रम पहुँचेंगे। यह आश्रम उनके प्रवास का मुख्य स्थान होगा। 25 और 26 जनवरी को वे आश्रम में ही रहेंगे और विभिन्न संतों के साथ धर्म चर्चा करेंगे। यह धर्म चर्चा सनातन धर्म के वर्तमान स्वरूप, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर केंद्रित होगी। 27, 28 और 29 जनवरी को, बाबा बागेश्वर महाकुंभ क्षेत्र में तीन दिवसीय कथा का आयोजन करेंगे। यह कथा हनुमान जी के मंदिर के पास आयोजित की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु इसका लाभ उठा सकें।

बाबा बागेश्वर ने ‘हिंदू जगाओ हिंदुस्तान बचाओ’ नामक एक महत्वपूर्ण मुहिम की भी शुरुआत करने की घोषणा की है। यह मुहिम सनातन धर्म के मूल्यों, सिद्धांतों और परंपराओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उनका मानना है कि आज के समय में, जब पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है, सनातन धर्म को बचाना और उसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। इस मुहिम के माध्यम से, वे युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और उन्हें अपने धर्म के प्रति जागरूक करने का प्रयास करेंगे।

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धीरेंद्र शास्त्री ने अपने सभी भक्तों और धर्म प्रेमी सनातनियों से महाकुंभ में पहुँचने का आह्वान किया है। उनका मानना है कि महाकुंभ एक ऐसा पवित्र अवसर है जहाँ लाखों श्रद्धालु एक साथ आकर अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहाँ धर्म, संस्कृति और परंपरा का संगम होता है। उन्होंने कहा है कि महाकुंभ में तीन दिनों तक चलने वाली कथा का आयोजन उनके गुरु चिदानंद मुनि श्री के परमार्थ निकेतन आश्रम में किया जाएगा।

Mahakumbh

धीरेंद्र शास्त्री की महाकुंभ यात्रा और ‘हिंदू जगाओ हिंदुस्तान बचाओ’ मुहिम सनातन धर्म के प्रचार और प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक भी करेगा। उनकी उपस्थिति से महाकुंभ का माहौल और भी भक्तिमय और प्रेरणादायक होगा।

उनके अनुसार, महाकुंभ केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो एकता, शांति और सद्भाव का संदेश देता है।

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