Home » https://spiritualgyan.in/ » महाकुंभ में गृहमंत्री अमित शाह: साधु-संतों से भेंट & आस्था और राजनीति का संगम

महाकुंभ में गृहमंत्री अमित शाह: साधु-संतों से भेंट & आस्था और राजनीति का संगम

Mahakumbh 2025

महाकुंभ 2025 में आस्था और राजनीतिक गतिविधियों का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। इस बार महाकुंभ में देश के कई बड़े राजनेता और धर्मगुरु भी शामिल हो रहे हैं, जिससे इसकी भव्यता और महत्व और भी बढ़ गया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने किया संगम स्नान और संतों से मुलाकात

हाल ही में भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने प्रयागराज पहुंचकर पवित्र संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों से मुलाकात की और महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा की। उनकी इस यात्रा ने महाकुंभ के राष्ट्रीय महत्व को और भी उजागर किया है।

अखाड़ा परिषद ने देवकीनंदन ठाकुर की धर्म संसद से बनाई दूरी

महाकुंभ में आज धर्म संसद का आयोजन हो रहा है, लेकिन अखाड़ा परिषद ने इस आयोजन से दूरी बना ली है। परिषद ने स्पष्ट किया कि वे देवकीनंदन ठाकुर द्वारा आयोजित इस धर्म संसद का हिस्सा नहीं बनेंगे। इसका असर धर्म संसद की विश्वसनीयता और प्रभाव पर पड़ सकता है।

Also Read: प्रयागराज में घूमने के लिए 8 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल : एक आध्यात्मिक अनुभव

प्रयागराज निवासियों से डीएम की अपील

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने प्रयागराज के स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे मेला क्षेत्र में फोर व्हीलर का उपयोग न करें। यह अपील यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा: भक्तों में उत्साह

बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 27, 28 और 29 जनवरी को परमार्थ निकेतन में कथा का आयोजन कर रहे हैं। उनकी कथा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। शनिवार को वे प्रयागराज पहुंचे और संगम स्नान के बाद विभिन्न संतों से भेंट कर आध्यात्मिक चर्चा की।

महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या

रविवार को 1.74 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। अब तक 13.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह आंकड़ा महाकुंभ की विशालता और श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है।

सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण

श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए, मेला क्षेत्र में गाड़ियों की एंट्री रोक दी गई है। यह कदम किसी भी अव्यवस्था से बचने और श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन का अवसर देने के लिए उठाया गया है।

Also Read: तीर्थ यात्रियों को फूड कोर्ट, पार्किंग और अस्पताल ढूंढने में एआई चैटबॉट कर रहे मदद

महाकुंभ में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री: सनातन संस्कृति का प्रचार

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को उजागर करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की जड़ों से जुड़ने का अवसर है। उन्होंने अपने गुरु पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से आशीर्वाद लिया और धर्म, दर्शन और सनातन संस्कृति पर गहन चर्चा की।

गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ का महाकुंभ दौरा

शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम में स्नान कर पुण्य लाभ लिया। इस दौरान अमित शाह के परिवार के सदस्य भी उनके साथ मौजूद रहे।

पूजा-अर्चना और विशेष अनुष्ठान

गृह मंत्री ने अक्षयवट और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संगम में पवित्र डुबकी लगाई। संत समाज ने दोनों नेताओं को वैदिक विधि से स्नान कराया और मां गंगा का पावन जल छिड़ककर पूजा-अर्चना की।

Also Read: संगम तक जाने के लिए करनी होगी 10-15 किलोमीटर की पैदल यात्रा

संगम तट पर विशेष आरती

स्नान के बाद गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने संगम तट पर विशेष पूजा-अर्चना की और आरती में हिस्सा लिया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह की पत्नी सोनल शाह, बेटे जय शाह और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री को कुंभ कलश भेंट किया, जबकि संतों ने उन्हें माला पहनाई और चंदन व तिलक लगाया।

Kumbh 2025


बाबा रामदेव और योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति

योग गुरु बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान किया। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया।

Conclusion

महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्म और राजनीति का भी अद्भुत संगम है। यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सनातन धर्म की महिमा को भी दर्शाता है। गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति ने महाकुंभ के महत्व को और बढ़ा दिया है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति इस आयोजन को ऐतिहासिक बना रही है। 

FAQs:

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार महाकुंभ क्या है?

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार महाकुंभ सनातन संस्कृति की आस्था, परंपरा और अध्यात्म का सबसे बड़ा संगम है।

पंडित शास्त्री की उपस्थिति ने महाकुंभ के वातावरण को कैसे प्रभावित किया?

उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को और भी अधिक ऊर्जावान और प्रेरणादायक बना दिया है, जिससे श्रद्धालुओं में आस्था और भक्ति की भावना और भी प्रबल हो गई है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किनसे आशीर्वाद लेने गए थे?

 वे अपने गुरु, पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेने उनके शिविर गए थे।

महाकुंभ में मोरारी बापू की रामकथा का क्या महत्व है?

महाकुंभ एक धार्मिक मेला है और मोरारी बापू की रामकथा ने इस मेले को और अधिक पवित्र बना दिया है। उनकी कथाओं ने लोगों को धार्मिक ज्ञान दिया है और उन्हें एकता और भाईचारे का संदेश दिया है।

मोरारी बापू की रामकथा में क्या विशेष था?

मोरारी बापू की रामकथा में उन्होंने रामचरितमानस के विभिन्न पाठों को सरल और सहज भाषा में समझाया। उन्होंने राम और सीता के पवित्र प्रेम की कहानी को इस तरह से प्रस्तुत किया कि श्रोता भावविभोर हो उठे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top